Grafting full details with advantages and disadvantage in hindi

Grafting एक ऐसा तकनीक है, एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमे एक ही किस्म के या एक ही फ़ैमिली के दो पौधो को मर्ज कर एक नया पौधो तैयार किया जाता है और इन तैयार हुये पौधो में उत्पादन क्षमता आदि ज्यादा होती है तथा जिन दो पौधो को मिलाकर ग्राफ्टिंग किया जाता है उन दोनों पौधो के गुण इस नए पौधो में रहता है।

इस बिधि में एक पौधो को जड़ सहित लेते है और दूसरे पौधो को कलम के रूप में लेना होता है इसके बाद दोनों ही पौधो को आपस में जोड़ देते है जिससे एक नए तरीके का पौधो बिकसित होता है। उदाहरण के जरिये समझे तो आप एक टमाटर Graft को दूसरे किस्म के टमाटर या बैगन की किसी भी किस्म पर कर सकते है। इसके अलावा आप मिर्च, आलू, आम, सेब, गुलाब आदि पे भी ग्राफ्टिंग कर सकते है।

Grafting क्या है

इस को अगर आसान भासा में समझे तो यह एक ऐसा टेक्निक है जिससे दो पोधो को एक साथ जोड़ा जाता है ग्राफ्टिंग में एक ग्राफ्ट को जड़ के साथ तना तक लिया जाता है तथा दूसरे पौधे को ऊपर का भाग को लिया जाता है।

Grafting क्यो जरुरी है क्यो करना चाहिए लाभ क्या है

मै कुछ Example देके आपको समझाना चाहता हूँ की यह क्यो जरुरी है और लाभ क्या है इसके द्वारा आप एक पोधो से कई पौधा बना सकते है। इससे आप पुराने पौधे से नए पौधा तैयार कर सकते है।

जैसे – आपने पपीता का बगीचा लगाया हो और उसमे से 70% पपीता Male पौधा निकल गया हो और बाकि कुछ ही पोधो में फल लगा हो तो आप क्या करेंगे इसका तो कोई उपाय नहीं है इतना mail पौधा आप रखके क्या कीजियेगा बगीचे में उसमे से बहुत सरे पोधो को हटाना पड़ेगा। लेकिन यह एक ऐसा टेक्निक है जिससे आप इस तरीके की परेशानी से बच सकते है जिससे आप इस Method से तैयार पौधा के मुकाबले उत्पादन ज्यादा होता है।

Grafting के limitation यानी सीमाएं क्या है आप किन पोधो में यह कर सकते है

Grafting सभी पोधो में नहीं किया जा सकता है generally वैसे पोधो में किया जा सकता है जो एक फैमिली से आते हो जैसे – टमाटर , खीरा, खरबूजा , आम , गुलाब , सेव आदि

The proper time of grafting

grafting करने का सबसे अच्छा समय जब ठण्ड का मौसम लास्ट होने की पोजीशन में हो और बसंत ऋतू की शुरुआत हो रही हो। ऐसे समय में successful होता है और कोसिस यह रहना चाहिए की Graft पौधा को वैसे जगह रखे जहा पर मॉइस्चर बनी रहे इससे Successful होने का चांस और बढ़ जाता है ।

Grafting करने के लिए कौन सा material की जरुरत होती है

ग्राफ्टिंग करने के लिए निम्नलिखित टूल्स की आवश्यकता होती है जैसे ग्राफ्टिंग वैक्स, ग्राफ्टिंग टेप , बडिंग टेप , वायर नेल्स, रूटस्टॉक , स्किओन्स , क्लेफ्ट ग्राफ्टिंग टूल , शार्प नाइफ

Grafting कितने प्रकार से किया जाता है

Grafting 6 प्रकार से किया जाता है Approach, Side, Splice, saddle , Flat, Cleft grafting

Method

घर पर बने बगीचे में Grafting करना काभी आसान होता है तथा ग्राफ्ट किये गए पौधे जल्द ही बिकसित हो जाते है सबसे पहले हम पौधे की रुट स्टॉक और सायन को लेते है रुट स्टॉक पौधे के जड़ सहित ऊपर तना तक के भाग को कहते है और Sicon (सायन ) पोधो के तना के ऊपर वाले भाग को कहते है अब Root stock और Sicon को एक दूसरे से जोड़ने के लिए इनके सिरे को चाकू या ब्लेड की सहायता से 1-5 inch तक तिरछा कटा जाता है।

इस तिरछे कटे हुए Sicon के भाग में Root stock के भाग को ऊपर से लगाया जाता है। इस तरह से दोनों कटे हुए भाग को आपस में जोर कर टेप या क्लिप की सहायता से बांध देते है जिसके बाद Sicon और Root stock के cell एक दूसरे से जुड़ने लगते है और पौधा बिकसित होना सुरु हो जाता है। इस तरह से ग्राफ्टिंग बिधि से पौधा तैयार किया जाता है

फायदे और महत्व

1) ग्राफ्टिंग से तैयार पौधा तकनीक पुरे वर्ष फल और फूल देता है 2) इस बिधि द्वारा लगाए गए पोधो की गुणवत्ता बीज द्वारा लगाए गए पोधो की तुलना में काफी अच्छा होता है 3) रोग रोधी छमता पोधो में ज्यादा होता है 4) एक ही पोधो में कई फूल फल ले सकते है


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