@khetiveti

Bayer antracol Fungicide: full Information in Hindi for Superb Fungus Control

नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है हमारे Kheti Veti ब्लॉग में। आज मै आपको Bayer antracol fungicide के बारे में पूरी जानकारी बिस्तार में देने वाला हु, इसलिये आप हमारे ब्लॉग @khetiveti पे बने रहे और पूरी जानकारी डिटेल्स में प्राप्त करे।

Antracol Fungicide बायर कंपनी का एक प्रोडक्ट है। जो की फंगस से होने वाले रोगो से पोधो या फशल को बचाता है इसके अंदर Propineb 70 % wetable power फॉर्म में टेक्निकल कंटेंट होता है। यह एक Contact Fungicide है मतलब जब इसका छिरकाव पोधो पर किया जाता है तब यह पोधो के पत्तो , तना , जड़ आदि सभी भागो को ढक लेता है और ऊपर से एक कड़ी सुरक्छा कवच का आवरण बना लेता है जिस के कारन बाहर से होने वाले फंगल इन्फेक्शन को होने नहीं देता और इस तरीको से पोधो को रोग से बचाव करता है। और अगर कोई भी फंगस रोग इसके संपर्क में आता है तब उस रोग को यह जड़ से ख़त्म कर देता है।

Antracol fungicide का प्रयोग आप पोधो में रोग लगने से पहले या बाद में दोनों अवस्था में कर सकते है। ये दोनों अवस्था में आपके पोधो का बचाव रोग से कर सकता है। यह मार्केट में बहुत ही डिमांडेड प्रोडक्ट है इसका डिमांड किसानो के बीच बहुत जयादा है।

वैसे किसान जो आलू और टमाटर की खेती बड़े पैमाने पे करते है उन किसानो के बीच यह Bayer Company का एन्ट्राकोल फफूंदनाशी (Antracol Fungicide) बहुत ही जयादा फेमश है क्यू की आलू और टमाटर में सबसे जयादा नुकसान पहुंचाने वाला रोग अर्ली ब्लाइट ( Early blight) और लेट ब्लाइट ( Late blight ) है। यिन रोग का पोधो पे एक बार प्रकोप हो गया तो यह पुरे फशल को बर्बाद कर देता है इसलिए किसान भाई Bayer antracol fungicide का छिरकाव पोधो पे रोग लगने से पहले तीन बार 15 दिन के अंतराल पे जरूर करे।

Bayer antracol fungicide का प्रयोग कौन से फसल और रोग पर करना चाहिए

Bayer antracol Fungicide: full Information in Hindi for Superb Fungus Control

एन्ट्राकोल फफूंदनाशी (Antracol fungicide ) एक Broad Spectrum Fungicide है लगभग Fungus से होने वाले सभी रोगो से बचाव करता है।

जैसे :- आलू और टमाटर में लगने वाले रोग अर्ली ब्लाइट ( Early blight) और लेट ब्लाइट ( Late blight ) मतलब अगेती झुलसा और पछेती झुलसा, फल और पत्तो में लगने वाले फंगल धब्बे।

धान में लगने वाले भूरा चिट्टा रोग जिसे English में Brown leaf spot diseases भी कहते है। यह लगभग सभी सब्जी और फल वाले फसलों में लगने वाले फंगल रोग से बचाव करता है। साथ ही इसके अंदर zinc की मात्रा होने के कारन पोधो में रोग रोधी छमता को बढ़ा कर हरापन लता है ।

Bayer antracol fungicide का काम करने का तरीका क्या है

जैसा की आप जानते है Antracol fungicide एक Contact fungicide के साथ- साथ Broad spectrum fungicide भी है।
इसका छिरकाव जब पोधो पर किया जाता है तब यह पोधो के सभी भागो पर चिपक कर एक सुरक्छा कवच बना लेता है।
जिससे बहार से फंगल रोग को होने नहीं देता है।
fungus के spores जैसे ही इसके संपर्क में आते है यह fungus के भोजन पचाने वाले भाग और सास लेने वाले भाग के कई बिन्दुओ पर बार कर नस्ट कर देता है। साथ ही साथ फंगस में प्रतिरोधक छमता को डेवलप होने सा रोकता है ।

Bayer antracol fungicide Spray का तरीका और Dose

Antracol fungicide का स्प्रे पोधो में रोग लगने से पहले या रोग लगने के बाद दोनों अवस्था में कर सकते है । यह मार्किट में 100 ग्राम , 250 ग्राम , 500 ग्राम, 1 किलो, में उपलब्ध है, इसका अगर स्प्रे की मात्रा कितनी लेनी चाहिए की बात करे तो, इसका Recommended Dose 1- 2 ग्राम / लीटर पानी में घोल बना कर छिरकाव कर सकते है। यदि अलग-अलग फसल की बात करें तो सेब,अनार,आलू,टमाटर,अंगूर के लिए 600 ग्राम प्रति एकड़ और मिर्च में 1000 ग्राम प्रति एकड़,चावल में 600 से 800 ग्राम प्रति एकड़,कपास 500 से 600 ग्राम प्रति एकड़ लेना चाहिए।

आपको Antracol Fungicide से फसल का झुलसा रोग,पत्ती धब्बा,डाई बैक, मृदुरोमिल आसिता आदि के नियंत्रण पर यह लेख पढ़कर कैसा लगा यह हमें कमेंट में बताना न भूलें,और इस लेख को अपने अन्य किसान मित्रों के साथ भी शेयर करें। धन्यवाद,


Discover more from Kheti Veti

Subscribe to get the latest posts to your email.

Leave a Reply

Discover more from Kheti Veti

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading