Why is soil testing Important (मिट्टी की जांच क्यों महत्वपूर्ण है? पूरी जानकारी हिन्दी मे)

जब मिट्टी की जांच करने की बात आती है तब हम ये सोचते है की आखिर soil testing Important क्यों है। आप यह जरूर जानते है की हमारे देश की जनसंख्या निरंतर बढ़ती जा रही है और इसी तरह जनसंख्या बढ़ती रही तो, खाद्य उत्पादन की मांग को पूरा करना एक बहुत बड़ी चुनौती बन जाएगी इसलिए उत्पादन को बढ़ाने के लिए मिट्टी का स्वस्थ रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है। पौधों के सही विकास के लिए लगभग 17 पोषक तत्व आवश्यक हैं। भूमि में इन पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा होनी चाहिए ताकि अधिक पैदावार करके अधिक लाभ उठाया जा सके।

soil testing Important क्यों है?

मिट्टी की जांच इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे मिट्टी की स्थिति और पोषक तत्वों की मात्रा का पता चलता है। क्यू की मिट्टी में 17 प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं और सभी पोषक तत्व पोधो के बृद्धि और बिकाश के लिए बहुत आवश्यक है।

यदि आप खेती से अधिक उत्पादन की उम्मीद करते हैं तो उर्वरकों का सही मात्रा में उपयोग करना चाहिए. इसके लिए मिट्टी की जांच करनी चाहिए।परीक्षण का मुख्य उद्देश्य खेत की आवश्यकताओं के अनुसार पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना है, ताकि कम खर्च में उत्पादन की मात्रा को बढ़ाया जा सके।

मिट्टी की जांच के बारे में पूरी जानकारी

अब सरकार भी मिट्टी की जांच पर ध्यान दे रही है, इसलिए 2015 को मृदा वर्ष घोषित किया गया था और प्रधानमंत्री सॉयल हेल्थ कार्ड योजना (Prime Minister Soil Health Card Scheme) भी शुरू की गई थी।

मृदा परीक्षण मिट्टी की दो समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है।

  • फसल और फलदार वृक्षों के पोषक तत्वों के लिए
  • आम्लीय और क्षारीय मिट्टी को बेहतर बनाने के लिए

मिट्टी की जांच ही पोषक तत्वों की मात्रा को बताती है।यदि आप मिट्टी की जांच किये बिना पोषक तत्वों को उसमें डालते हैं, तो संभवतः खेत में आवश्यकता से अधिक या कम खाद डाला जाएगा।

यदि ऐसा होता है, तो आवश्यकता से कम खाद डालने पर कम उपज मिलेगी और अधिक खाद डालने पर भूमि को खराब करने की संभावना अधिक होगी।साथ ही खाद का गलत उपयोग होगा और धन व्यर्थ होगा।

मिट्टी का नमूना कैसे प्राप्त करें?

  • फसल की रोपाई या बुवाई से एक माह पहले हमेशा मिट्टी का नमूना लेना चाहिए।
  • खेत का चयन कर उसके 10 से 12 जगहों पे निसान लगाए
  • नमूना लेने के स्थान की ऊपरी सतह से घास फूंस हटा दें।
  • नमूना लेने वाली सतह से आधा फुट गहरा गड्ढा खोदकर एक तरफ से खुरपे से ऊंगली की मोटाई का नमूना काट ले।
  • नमूनों को हर जगह से लेकर किसी बाल्टी या टब में अच्छी तरह मिला लें।
  • इकट्ठा की गई मिट्टी को चार भागों में बाँटकर चार भागों में से दो को आमने-सामने लेकर फेंक दें. फिर मिट्टी को फिर से मिलाकर चार भाग बनाकर दो भाग फेंक दें। ये प्रक्रिया करते रहे ,जब तक की हमारी पास 500 ग्राम मिट्टी शेष ना बच जाये
  • अब लगभग आधा किलो मिट्टी (शेष नमूना) एक साफ थैली में डालें।
  • एक पर्ची पर किसान का नाम, पिता का नाम, गांव, तहसील व जिले का नाम और खेत का खसरा नंबर लिखा जाना चाहिए. खेत की भूमि को सिंचित या असिंचित विवरण लिखकर नमूने वाली थैली में रखें।

मिट्टी का नमूना लेते समय क्या सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिए?

नमूना लेते समय हमें कुछ बातों पर खास ध्यान देना चाहिए ताकि मिट्टी की जाँच में कोई गलती न हो।

  • खेत में ऊंची या नीची सतह वाली भूमि का नमूना नहीं लेना चाहिए।
  • कम्पोस्ट के ढेर, पानी की नाली या खेतों की मेढ़ के पास से मिट्टी का नमूना नहीं लेना चाहिए।
  • गलती से खाद की थैली या बोरे में मिट्टी का नमूना कभी नहीं रखें।
  • खड़ी फसल वाली जमीन से भी नमूना नहीं लेना चाहिए।
  • हाल ही में उर्वरक का प्रयोग किया गया खेत से भी नमूना न लें।

मिट्टी का नमूना परीक्षण के लिए कहां भेजे जाएँ

परीक्षण के लिए मिट्टी का नमूना स्थानीय कृषि पर्यवेक्षक या नजदीकी कृषि विभाग के दफ्तर में जमा कर सकते हैं। इसके अलावा, आप एक नमूना अपने निकटतम मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में ले जाकर दे सकते हैं, जहां जांच मुफ्त में की जाती है।


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